Wednesday, October 23, 2013

निर्मल बाबा पर बढ़ा बवाल, घटी श्रद्धा

नई दिल्ली।। टीवी चैनलों पर 'थर्ड आई ऑफ निर्मल बाबा' नाम के विज्ञापन दिखाकर कृपा बरसाने का दावा करने वाले निर्मल नरूला उर्फ निर्मल बाबा खुद मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। झारखंड के अखबार 'प्रभात खबर' के खुलासे के बाद बताया जा रहा है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर निर्मल बाबा की कमाई पर है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों का कहना है कि विभाग उनकी कमाई और रिटर्न की जांच करेगा। अखबार ने दावा किया था कि निर्मल बाबा के दो बैंक खातों में सिर्फ इस साल अब तक 232 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। हालांकि मीडिया में लगातार आती खबरों से नाराज बाबा ने अब पलटवार का फैसला किया है। उन्होंने जवाबी मुहिम का ऐलान करते हुए अपने समर्थकों से कहा है कि वे मीडिया को 'सच' बताना शुरू कर दें। इस बीच, देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग निर्मल बाबा के खिलाफ केस दर्ज कराने लगे हैं। लखनऊ के गोमती नगर थाने में दो बच्चों तान्या ठाकुर (16) और उसके भाई आदित्य ठाकुर (13) ने उनके खिलाफ पहले ही तहरीर दे दी थी। अब भोपाल की अरेरा कॉलोनी में रहने वाले राजेश सेन ने निर्मल बाबा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। सेन का आरोप है कि बाबा ने उन्हें बताया था कि घर में काला पर्स रखने से उनकी समस्याएं दूर हो जाएंगी, पर ऐसा नहीं हुआ। उधर, एक चैनल से बातचीत में बाबा ने सफाई देते हुए कहा कि मैंने कभी चमत्‍कार का दावा नहीं किया है। हालांकि उन्होंने दावा किया कि उनके ऊपर ईश्‍वरीय कृपा है। 'बाबा के दो खातों में 232 करोड़' 'प्रभात खबर' का दावा है कि निर्मल बाबा के दो खाते हैं। एक निर्मल दरबार के नाम से (जिसका नंबर टीवी पर चलता रहता है) और दूसरा निर्मलजीत सिंह नरूला के नाम से। निर्मल दरबार के नाम से चलने वाले खाते में इस साल जनवरी से अब तक 109 करोड़ रुपये जमा हुए। उनके पर्सनल अकाउंट नंबर 1546000102129694 में अखबार के मुताबिक 4 जनवरी 2012 से 13 अप्रैल 2012 के बीच 123 करोड़ (कुल 1,23,02,43,974) रुपये जमा हुए। खुद निर्मल बाबा ने भी एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में स्वीकार किया कि फर्जीवाड़े से बचने के लिए ही उन्होंने दो खाते रखे हैं। इसके अलावा बाबा के नाम 25 करोड़ फिक्स्ड डिपॉजिट भी हैं। निर्मल बाबा की आय के दो स्रोत हैं निबंधन शुल्क और दसवंद शुल्क। समागम में भाग लेने के लिए भक्तों से दो हजार रुपये प्रति व्यक्ति वसूला जाता है, जबकि दसवंद शुल्क का अर्थ आय का दसवां हिस्सा बाबा के पास जमा करना। यह राशि पूर्णिमा के पहले जमा करनी होती है। विवाद के बाद बाबा का सेंसेक्स गिरा निर्मल बाबा को लेकर जैसे-जैसे विवाद बढ़ता जा रहा है, भक्तों की 'श्रद्धा' भी उनमें घटती जा रही है। प्रभात खबर के मुताबिक, निर्मल दरबार के नाम से आईसीआईसीआई बैंक में खुले निर्मल बाबा के खाते (संख्या 002-905-010-576) में शुक्रवार को सिर्फ 34 लाख जमा किए गए। पहले इस खाते में रोज़ औसतन एक करोड़ रुपये जमा किए जा रहे थे। पहले औसतन चार से साढ़े चार हजार लोग हर रोज निर्मल बाबा के खाते में राशि जमा कर रहे थे। शुक्रवार शाम पांच बजे तक देश भर के 1800 लोगों ने ही बाबा के आईसीआईसीआई बैंक खाते में राशि जमा की है। बढ़ सकती है मुश्किल निर्मल बाबा की इनकम के स्रोतों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर है। विभाग उनके बैंक खातों की जांच कर सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, फाइनैंशल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) निर्मल बाबा की आय के स्रोतों के अलावा इस बात की भी जांच कर सकती है कि बैंक खातों के अलावा निर्मल बाबा को और किन-किन माध्यमों से पैसे दिए गए और उन्होंने कहां-कहां निवेश किया है। बाबा को विदेशों से मिले फंडिंग पर भी पूछताछ हो सकती है। यदि उन्‍होंने पैसों को विदेशी खातों में ट्रांसफर किया है तो इस बात की भी जांच की जाएगी। बाबा की सफाई पूरे प्रकरण पर पहली बार बाबा ने शुक्रवार को चुप्पी तोड़ी। 'आज तक' चैनल को दिए इंटरव्यू में निर्मल बाबा ने कहा, ''मेरे यहां किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है। मैं चुनौती देता हूं कि किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था से मेरे दावों की जांच करवाई जाए। मेरा टर्नओवर 85 करोड़ नहीं, बल्कि सालाना 235-238 करोड़ का है, जिसका मैं टैक्स चुकाता हूं। मैं इन पैसों से एक भव्य मंदिर बनवाना चाहता हूं। मैंने कोई ट्रस्ट नहीं बनाया है। फर्जीवाड़े से बचने के लिए मैं दो अकाउंट रखता हूं। 'निर्मल दरबार' और 'निर्मलजीत सिंह नरूला' के नाम चल रहे दो बैंक खाते मेरे हैं।'' नीलम कपूर के नाम पर बने ड्राफ्ट के सवाल पर निर्मल बाबा ने कहा कि नीलम कपूर से मैंने फ्लैट खरीदा था, इसलिए उनके नाम पर ड्राफ्ट बनवाया गया। निर्मलजीत सिंह नरूला से निर्मल बाबा बनने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'मुझे निर्मलजीत सिंह नरूला से निर्मल बाबा बनाने में इंदरसिंह नामधारी का हाथ है। उन्होंने मेरी शुरू में मदद की थी। लेकिन बाद में झारखंड में मैं जिस मानसिक उत्पीड़न से गुजरा, उसके बाद ही मैं निर्मल बाबा बन गया।' निर्मल बाबा ने आरोपों के जवाब में कहा, 'मैंने कभी चमत्कार का दावा नहीं किया। मैं इसे कृपा कहता हूं। मैं अंधविश्वास को तोड़ने वाला माना जाता हूं। यंत्र मंत्र तंत्र के पाखंड में फंसने वालों के खिलाफ हूं। यह कृपा पैसे से खरीदी नहीं जा सकती है। मेरे साथ लोग जुड़ते चले जा रहे हैं। मेरे ऊपर पहली कृपा पटियाला के समाना मंडी में हुई थी। मैं अपनी मां के साथ था। घर की छत गिर गई और मेरी बहनें उसमें दब गईं।' कौन हैं निर्मल बाबा? निर्मल बाबा झारखंड के पूर्व विधानसभा स्पीकर इंदरसिंह नामधारी के साले हैं। 1950 में जन्मे निर्मलजीत सिंह एक सिख परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके एक पुत्र और एक पुत्री है। इंदरसिंह नामधारी के मुताबिक, उन्होंने निर्मलजीत की बहन से 1964 में विवाह किया था। उस समय निर्मल की उम्र 14-15 साल थी। 70 के दशक में पिता की हत्या के बाद उनकी मां ने उन्हें डाल्टनगंज भेज दिया। बताते हैं कि उन दिनों निर्मल बाबा ने एक कपड़े की दुकान की जो कुछ सालों बाद बंद हो गई। इसके बाद उन्होंने निर्मल ब्रिक्स के नाम से ईटों का व्यवसाय शुरू किया, लेकिन वह भी नहीं चला। निर्मल बाबा का मीडिया पर पलटवार मीडिया में लगातार आ रही नेगेटिव खबरों से नाराज बाबा ने शनिवार को पलटवार किया। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि कुछ लोग मुझे बदनाम करने में लगे हुए हैं। निर्मल बाबा मीडिया के खिलाफ जवाबी मुहिम का भी संकेत दे दिया। हालांकि उन्होंने किसी तरह की हिंसा की बात न करते हुए समर्थकों से अपील की कि वह शांति बनाए रखें। लेकिन, उनकी मुहिम का मीडिया पर असर जरूर पड़ेगा। फिलहाल उन्होंने अपने समर्थकों से कहा है कि वे बड़ी संख्या में टीवी चैनलों को फोन करें और उन्हें अपने अनुभव बताएं। माना जा रहा है कि निर्मल बाबा इस मुहिम के जरिए मीडिया को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं। अगर टीवी चैनलों के ऑफिसों में अचान बहुत बड़ी संख्या में फोन आने लगें तो टीवी चैनलों का रोज का काम प्रभावित हो सकता है। मगर, ऐसा तब होगा जब निर्मल बाबा की इस अपील पर लाखों लोग अमल करेंगे। प्रस्तुतकर्ता rajkum